| 1. | निवृत्तिमार्ग ही श्रेयस्कर है और यही अपनाने योग्य है।
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| 2. | ख.-निवृत्तिमार्ग निरुपायों के लिए है।
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| 3. | पं.-परंतु निवृत्तिमार्ग तो सबसे ऊपर है।
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| 4. | वे पंडितजी महाराज निवृत्तिमार्ग (संन्यास) को तनिक भी सम्मान या समर्थन
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| 5. | आपने निश्चय किया कि निवृत्तिमार्ग ही श्रेयस्कर है और यही अपनाने योग्य है।
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| 6. | उत्तरमीमांस निवृत्तिमार्ग वाले ज्ञानियों तथा सन्यासियों के लिये श्रीव्यास महाराज ने स्वयं रचा है।
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| 7. | अतिथि द्वार पर आ जाता था तो उसे इस निवृत्तिमार्ग का त्याग करना पड़ता था।
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| 8. | जैन धर्म के प्रमुख सिद्धान्त निम्नलिखित हैं-निवृत्तिमार्ग जैन धर्म भी बौद्ध धर्म के समान निवृत्तिमार्गी था।
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| 9. | किन्तु जब कोई अतिथि द्वार पर आ जाता था तो उसे इस निवृत्तिमार्ग का त्याग करना पड़ता था।
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| 10. | वैदिक काल में कर्म तथा कर्मकांड की प्रधानता होने के कारण निवृत्तिमार्ग अथवा संन्यास को विशेष प्रोत्साहन नहीं था।
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