(कक्षायें पुन: प्रारंभ होने के लिये आभार व् यक् त करना हो तो मुझे नहीं इनको करें श्री समीर लाल जी, श्री नीरजी गोस् वामी जी वीनस केसरी, कंचन चौहान, इन लोगों ने कक्षायें प्रारंभ करने के लिये जो दबाव डाला उतना तो वाम दलों ने पांच सालों में मनमोहन सिंह पर भी नहीं डाला होगा)
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प्रचंड तेज ले रवी है मंच पर चमक रहा प्रभाव गौतमी नई ही आभ में दमक रहा विखेरते सुरभि यहाँ आ जो स्वयं है सौरभी तिलक लगाये भाल पर हुये हैं आज नीरजी सुधाओं से कलश भरे भरोल मन में लावनी हाँ पारुली श्रूंगार आज हो रहा है कंचनी प्रवीण शब्द अंकिता विराट काल भाल पर बता रहीं हैं रश्मियाँ ये स्वस्ति रच दिवाल पर वो गीत हो गज़ल कि छन्द, मंच पर सदा रहे सुबीर पर निसार हो! तो हो रहे तो हो रहे