पृथक्ता के व्यवहार के असाधारण कारण को पृथक्त्व कहा जाता है।
3.
विश्वात्मा से विराट् की और विराट् से विश्वात्मा की पृथक्ता हो ही नहीं सकती।
4.
जातीय गीतों में काफी पृथक्ता होती है किंतु जहाँ एक ही जाति के लोग अनेक क्षेत्रों में बसे हैं, उनके गीतों की मूल प्रवृत्ति एक जैसी ही है।
5.
जातीय गीतों में काफी पृथक्ता होती है किंतु जहाँ एक ही जाति के लोग अनेक क्षेत्रों में बसे हैं, उनके गीतों की मूल प्रवृत्ति एक जैसी ही है।
6.
युद्ध के बिना, अखंड भारत और हिन्दू-मस्लिम पृथक्ता की दो कल्पनाओं का एकीकरण, विभाजन की नीति को समर्थन और पाकिस्तान को संकटकालीन सहायता देने जैसा ही है।
7.
आरंभ में चीफ खालसा दीवान और ' सिंघसभा' आंदोलन की सफलता के लिए अनेक ट्रैक्ट लिये जिनका उद्देश्य सिखमत की श्रेष्ठता, एकता और हिंदू धर्म से पृथक्ता का जनता में प्रचार करना था।
8.
पृथक्ता की नीति को अंगीकार करना, साथ ही अखण्ड भारत की भी कल्पना करना अपने आप में घोस आत्मवंचना है, यदि हम यह भी मान लें कि ऐसा करने वाले ईमानदार लोग हैं।
9.
यद्यपि सूत्रकार कणाद के अनुसार पदार्थों की पारस्परिक समानता और पारस्परिक पृथक्ता का बोध ही तत्त्वज्ञान है, जिससे अभ्युदय और नि:श्रेयस की प्राप्ति हो सकती है, फिर भी ऐसा प्रतीत होता है कि विशेष के पदार्थत्व का आख्यान करके सूत्रकार ने भी वस्तुओं के
10.
यह दो प्रकार का होता है-जहाँ एक वस्तु में अन्य वस्तु से पृथक्त् प्रतीत होती हैं, वहाँ एक पृथक्त्व और जहां दो वस्तुओं में अन्य वस्तु या वस्तुओं से पृथक्ता प्रतीत होती है (जैसे घट और पट पुस्तक से पृथक् है) वहाँ द्विपृथक्त्व आदि।