इससे पृथक्तावाद के विषाणुओं का विनाश होगा और अखण्डता की भावना सबल होगी।
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इससे पृथक्तावाद के विषाणुओं का विनाश होगा और अखण्डता की भावना सबल होगी।
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जिस प्रकार सरदार बल्लभ भाई पटेल के राष्ट्रवादी चिंतन का विस्तार आज का गुजरात है उसी प्रकार विनोवा भावे जी के चिंतन का विस्तार आज का मराठी पृथक्तावाद है।