' पतिट्टिप्पत्तु' नामक संगमकालीन कृति में दस चेर राजाओं के प्रशस्तिगीत है ।
2.
' पतिट्टिप्पत्तु' नामक संगमकालीन कृति में दस चेर राजाओं के प्रशस्तिगीत है ।
3.
' पतिट्टिप्पत्तु ' नामक संगमकालीन कृति में दस चेर राजाओं के प्रशस्तिगीत है ।
4.
मेवाड़ के राणाओं के प्रशस्तिगीत गाने के प्रति हिन्दी कवियों की उपेक्षा और उदासीनता का एक यह भी कारण हो सकता है।
5.
मेवाड़ के राणाओं के प्रशस्तिगीत गाने के प्रति हिन्दी कवियों की उपेक्षा और उदासीनता का एक यह भी कारण हो सकता है।
6.
इसमें इतिहास (शू चिंग), प्रशस्तिगीत (शिह छिंग), परिवर्तन (ई चिंग), विधि विधान (लि चि) तथा कनफ्यूशियस (552-479 ई.पू.) द्वारा संग्रहित वसंत और शरद्विवरण (छुन छिउ) नामक तत्कालीन इतिहास शामिल हैं जो छिन राजवंशों के पूर्व का एकमात्र ऐतिहासिक संग्रह है।
7.
इसमें इतिहास (शू चिंग), प्रशस्तिगीत (शिह छिंग), परिवर्तन (ई चिंग), विधि विधान (लि चि) तथा कनफ्यूशियस (552-479 ई.पू.) द्वारा संग्रहित वसंत और शरद्विवरण (छुन छिउ) नामक तत्कालीन इतिहास शामिल हैं जो छिन राजवंशों के पूर्व का एकमात्र ऐतिहासिक संग्रह है।