| 1. | इनको 100 से 200 फारनहाइट तक के तापमान में पकाया जाता है।
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| 2. | और इसकी कृतियों को पकाने के लिए 1200 फारनहाइट तापमान तक की आवश्यकता पड़ती है।
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| 3. | अगर बुखार 102 डिग्री फारनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें।
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| 4. | -अगर बुखार 102 डिग्री फारनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें।
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| 5. | -अगर बुखार 102 डिग्री फारनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें।
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| 6. | परंतु फारनहाइट ने सर्वप्रथम प्रदर्शित किया जा सकता है, जिसका मान-18 डिग्री तक हो सकता है।
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| 7. | इसकी तरंग के असर से शरीर का टेम्परेचर 130 डिग्री फारनहाइट तक बढ़ जाता है और जबर्दस्त दर्द होने लगता है।
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| 8. | ब्रेन में हाइपोथैलेमस पार्ट होता है, जो बॉडी के टेंपरेचर को 95 से 98.6 फारनहाइट के बीच में कंट्रोल करता है।
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| 9. | अगर शरीर का तापमान सुबह के समय 99 डिग्री फारनहाइट से ज्यादा और शाम के वक्त 99. 9 डिग्री फारनहाइट से ज्यादा है, तो बुखार माना जाता है।
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| 10. | अगर शरीर का तापमान सुबह के समय 99 डिग्री फारनहाइट से ज्यादा और शाम के वक्त 99. 9 डिग्री फारनहाइट से ज्यादा है, तो बुखार माना जाता है।
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