दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों का फूलना-फलना न्याय और नीति की बात नहीं हो सकती।
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गोशे-गोशे में सुलगती है चिता तेरे लिए फ़र्ज़ का भेस बदलती है फ़ज़ा तेरे लिए क़हर है तेरी हर इक नर्म अदा तेरे लिए ज़हर ही ज़हर है दुनिया की हवा तेरे लिए रुत बदल डाल अगर फूलना-फलना है तुझे
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गोशे-गोशे में सुलगती है चिता तेरे लिए फ़र्ज़ का भेस बदलती है फ़ज़ा तेरे लिए क़हर है तेरी हर इक नर्म अदा तेरे लिए ज़हर ही ज़हर है दुनिया की हवा तेरे लिए रुत बदल डाल अगर फूलना-फलना है तुझे उठ मिरी जान मिरे साथ ही चलना है तुझे