पुखराज: यह बहुमूल्य रत्न बृहस्पति ग्रह की बलवृद्धि, अनुकूलता के लिए धारण किया जाता है।
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तर्क के लिए तो यह बात ठीक है किन्तु यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सेना में निष्ठुरता वीरता और बलवृद्धि के लिए माँसाहार प्रयोग होता है।
5.
यह शरीर के अवयवोंमें उपतिप्त रहता हुआ उन्हें ब्राह्रा आघातों और शीत से बचाता है तथाशरीरस्थ उष्मा को बाहर निकलने में नियन्त्रण रखकर शरीराग्नियों की बलवृद्धि कर पाचन क्रिया को ठीक रखता है.
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• १०-१५ मि. ली. रस में उतना ही पानी मिला के मिश्री, शहद अथवा शक्कर का मिश्रण करके भोजन के बीच में लेने वाला व्यक्ति कुछ ही सप्ताह में निरोगी काय व बलवृद्धि का एहसास करता है, ऐसा कइयों का अनुभव है (वैध्य सम्मत)|
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इस तथ्य के आधार पर हम कह सकते हैं कि बाधक स्थान के स्वामी की अपने भाव से केंद्र या त्रिकोण स्थान में उपस्थिति बलवृद्धि कारक होगी और ऐसे में उसका बाधक दोष बढ़ जाएगा, किंतु अपने भाव से तृतीय, षष्ठ, अष्टम और द्वादश भाव में स्थित होकर वह बलहीन होकर बाधक दोष से मुक्त होगा।
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बलवृद्धि के लिए व्यायाम तथा खेलकूद के बाद केले खाना चाहिए | केले में कार्बोहाईड्रेट प्रयाप्त मात्र में होता है जो सरलता से पाच जाता है, छोटे बच्चे को आसानी से दिया जा सकता है | यह बच्चों के लिए उतम आहार है | इसे मसलकर दूध में मिलकर खिलने से अधिक फायदा होता है | यह खून में वृद्धि करके शरीर की ताकत बढाता है | नित्य केला का सेवन अगर दूध के साथ किया जाय तो तो कुछ ही दिनों में स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव देखा जा सकता है |