बल्गारियाई दार-उल-हकूमत (राज्य्धानी)सोफिया में आज त
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मार्च १०, १९५० को जन्मीं बल्गारियाई मूल की फेदिया
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अम्बेडकर विशिष्ट सेवा सम्मान, साहित्यकार सम्मान, हिन्दी उर्दू सम्मान, महाराष्ट्र भारती सम्मान, अन्तरराष्ट्रीय सर्वोच्च बल्गारियाई सम्मान
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कुल पाँच-छह मेजों वाली इस छोटी सी बार में ऑस्ट्रियाई बहुत कम आते हैं, ज्यादातर तुर्की, हंगरी और बल्गारियाई आते हैं।
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रमेश कौशिक की अनेक रचनाएँ अँग्रेजी, बल्गारियाई, रूसी, लिथुनिआई, बंगला और पंजाबी भाषा में अनूदित हो चुकी हैं।
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मार्च १०, १९५० को जन्मीं बल्गारियाई मूल की फेदिया फ़िल्कोवा ने सोफिया विश्वविद्यालय से ज़र्मन दर्शन में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की. कई...
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बल्गारिया में कम्युनिस्ट ताकतों ने तुर्की अल्पसंख्यकों को बल्गारियाई नाम रखने के लिए बाध्य किया और वे नऊम शालामानोव के नाम से पहचाने जाने लगे।
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बल्गारिया में कम्युनिस्ट ताकतों ने तुर्की अल्पसंख्यकों को बल्गारियाई नाम रखने के लिए बाध्य किया और वे नऊम शालामानोव के नाम से पहचाने जाने लगे।
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1986 में मेलबोर्न के विश्व कप फाइनल के बाद शालामानोव बाद वे तुर्की चले गए, जहाँ उन्होंने नागरिकता माँगी और साथ ही उन्होंने बल्गारियाई नाम सुलेमानोव/शालामानोव को बदलकर तुर्की मूल का नईम सुलेमानूलू कर लिया।
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1986 में मेलबोर्न के विश्व कप फाइनल के बाद शालामानोव बाद वे तुर्की चले गए, जहाँ उन्होंने नागरिकता माँगी और साथ ही उन्होंने बल्गारियाई नाम सुलेमानोव/शालामानोव को बदलकर तुर्की मूल का नईम सुलेमानूलू कर लिया।