The long perspective of history rose up before me , the agonies and triumphs of India and China , and the troubles of today “ folded their tents like the Arabs and as silently stole away . ” मेरी आंखों के सामने जैसे कोई इतिहास का एक विशाल वितान तान रहा था , हिंदुस्तान और चीन द्वारा सभी क्षणों की भोगी दुःख-सुख की घड़ियां याद आ रही थीं , मौजूदा संघर्ष के सभी क्षण काफूर होने लगे थे , जैसे रेगिस्तान में अरबवासी अपने तंबू समेट कर चल देते हैं .
परिभाषा
जो भोग चुका हो या भुगतने वाला:"आजकल रेल में आरक्षण मिलना कितना मुश्किल है यह कोई भुक्तभोगी व्यक्ति ही जान सकता है" पर्याय: भुक्तभोगी,