संज्ञा
| वह सबसे बड़ी परम और नित्य चेतन सत्ता जो जगत का मूल कारण और सत्, चित्त, आनन्दस्वरूप मानी गयी है:"ब्रह्म एक है" पर्याय: ब्रह्म, सच्चिदानंद, सच्चिदानन्द, चिदानंद, चिदानन्द, विभु, चिंतामणि, चिन्तामणि, विश्वभव, अमृतगर्भ, अशब्द, धरुण, संहिता,
| | वह पदार्थ जिसके खाने या शरीर में पहुंचने से बेचैनी होती है और कभी-कभी प्राणी मर जाता है:"समुद्र मंथन से प्राप्त विष को भगवान शंकर पी गए" पर्याय: विष, जहर, ज़हर, गरल, माहुर, अल, धूलक, फणि, जंगुल, भूगर,
| | संगीत के सात स्वरों में से चौथा:"वह मध्यम स्वर में गा रही है" पर्याय: मध्यम स्वर, मध्यम, चतुर्थ स्वर,
| | हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित एक देवता:"चंद्रदेव को औषधियों का स्वामी कहा गया है" पर्याय: चंद्रदेव, चन्द्रदेव, चंद्रमा, शशांक, इंदु, इन्दु, मयंक, कलानिधि, कलानाथ, कलाधर, चन्द्रमा, चन्द्र, चंद्र, हिमवान्, हिमांशु, अब्ज, अब्धिज, भग्नात्मा, निशारत्न, श्रीसहोदर, सोमराज, शंभुभूषण, शम्भुभूषण, पीयूषमहस, पीयूषरुचि, पीयूषवर्ष, तुंगीपति, तुंगीश, सिंधुनंदन, सिन्धुनन्दन, सिंधुपुत्र, सिन्धुपुत्र, नक्षत्रनाथ, त्रिनेत्रचूड़ामणि, नक्षत्रेश, ताराधिप, ताराधीस, तारेश, परिजन्मा, शशाङ्क, शशलक्षण, शशलांछन, शशलाञ्छन, शशमौलि, शशधर, कुरंग-लांछन, कुरंगलांछन, अभिरूप, अभिरूपक, शशभृत, तारकेश, ताराधीश, तारानाथ, विधु, तारापीड़,
| | हिंदी वर्णमाला का पचीसवाँ और पवर्ग का अंतिम व्यंजन अक्षर:"म का उच्चारण ओष्ठ और नासिका से होता है" पर्याय: व्यंजन अक्षर म, व्यंजनाक्षर म, व्यञ्जन अक्षर म, व्यञ्जनाक्षर म,
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