| 1. | क्योंकि मानव-शरीर मिला ही भगवत्प्रप्ति के लिए है।
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| 2. | मानव-शरीर में सबसे अधिक संख्या लसीका ग्रंथियों (
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| 3. | मानव-शरीर की रूप-रेखा के वर्णन के काम आयेंगी।
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| 4. | यह मानव-शरीर आत्मा की परिस्तुति वा महिमा है।
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| 5. | नियति-क्रम में धरती पर मानव-शरीर परम्परा स्थापित होती है।
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| 6. | मित्रों, मानव-शरीर ईश्वर की अतुलनीय कृति है.
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| 7. | मानव-शरीर कभी भी रोगों से ग्रस्त हो सकता हैं।
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| 8. | कल्पनाशीलता जीवन से मानव-शरीर द्वारा प्रकट है।
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| 9. | मानव-शरीर का जो प्रयोजन है-वह “परम-सूक्ष्म” है।
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| 10. | आखिर, मानव-शरीर की कोई सीमा तो होगी ही।
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