| 1. | प्रत्येक मानव-समूह के रीति-रिवाज़ और संस्कार अलग-अलग हैं।
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| 2. | प्रत्येक मानव-समूह के रीति-रिवाज़ और संस्कार अलग-अलग हैं।
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| 3. | प्रत्येक मानव-समूह के रीति-रिवाज़ और संस्कार अलग-अलग हैं।
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| 4. | प्रत्येक मानव-समूह के रीति-रिवाज़ और संस्कार अलग-अलग हैं।
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| 5. | आप सोचे सभ् यता के इस मानव-समूह के बारे में भी।
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| 6. | इसमें मानव-समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है जिसमें उद्योग-धन्धों का बोलबाला होता है।
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| 7. | इसमें मानव-समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है जिसमें उद्योग-धन्धों का बोलबाला होता है।
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| 8. | इसमें मानव-समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है जिसमें उद्योग-धन्धों का बोलबाला होता है।
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| 9. | नियोलिथिक लोगों को ब्रेड, बीयर और अनाजों के उत्पादन का आदि मानव-समूह माना जाता है.
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| 10. | भाव संवेदनाओं का जागरण एकमेव समाधान है, व्यक्ति विशेष का ही नहीं........ समूचे मानव-समूह का।
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