राजकुमार-राजकुमारी इस महल में अपने विदेशी कुत्तों के साथ रह रहे हैं, जो कि उनके साथी भी हैं और रखवाले भी।
3.
बावजूद इसके सपनों का राजकुमार उसके मन के किसी कोने में जिंदा रहता है और वह फिर सारी चिंताएं भूलकर अपने पोते-पोतियों को ‘ राजकुमार-राजकुमारी ' की कहानी सुनाने लगती है.
4.
महाभारत की विशालता का अंदाजा उसके प्रथम पर्व में उल्लेखित एक श्लोक से लगाया जा सकता है: “ जो यहाँ (महाभारत में) है वह आपको संसार में कहीं न कहीं अवश्य मिल जायेगा, जो यहाँ नहीं है वो संसार में आपको अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा ” महाभारत सिर्फ राजा-रानी, राजकुमार-राजकुमारी, मुनियों और साधुओं की कहानी से बढकर कहीं ज्यादा व्यापक और विशाल है, इसके लेखक व्यास का कहना है कि महाभारत धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की कथा है।