रात-दिन लवनी से उपट-उपटकर ताड़ी नीचे गिर रही थी-पफलहा-बलहा दोनों से।
3.
एक-एक पेड़ सांझ-विहान एकदम जरसी गाय के तरह लवनी भर-भर के लगता था।
4.
सो जो बादल पर बैठा था उसने पृ थ् वी पर अपना हंसुआ लगाया और पृथ् वी की लवनी की गई।
5.
पफूटी लवनी के ऊपर पीठ, हसुली के ऊपर कमर, चूतड़ में चूभी हुई हसूली, लवनी के' खिमटों से बिंछी हुई कमर!
6.
पफूटी लवनी के ऊपर पीठ, हसुली के ऊपर कमर, चूतड़ में चूभी हुई हसूली, लवनी के' खिमटों से बिंछी हुई कमर!
7.
इसमें लोहे का एक हुक लगा होता है जिसमें लटकाकर लवनी को ऊपर ले जाया जाता है और ताड़ी ढाड़कर उसे नीचे उतारा जाता है।
8.
कमर से लटक रही भरी हुई लवनी! भीगा हुआ पेड़... भीगी हुई देह! हवा अलग तेज! ऊपर से कंपकंपी!! वह पेड़ की पफुनगी से उतरकर धड़ को बाँहों में लेना ही चाहा था कि दोनों हाथ पिफसल गये थे और वह धड़ाम से जमीन पर आ गिरा था।
9.
फिर एक और स् वर्गदूत ने मन्दिर में से निकलकर उस से जो बादल बैठा था, बड़े शब् द से पुकारकर कहा, कि अपना हंसुआ लगाकर लवनी कर, क् योंकि लवने का समय आ पहुंचा है इसलिए कि पृथ् वी की खेती पक चुकी है।
10.
वह मनही मन बड़बड़ाता हुआ आगे बढ़ता रहा, कि-‘‘वाह रे-वाह-वाह रे बुड़बक वभना /सुवह-सवेरे मांस भकोसे /मछरी खाए चटर-चटर /दारू पीए, करे बुराई, घर में लवनी-लवना...वाह रे-वाह-वाह रे बुड़बक वभना । ‘‘
अनाज की पकी फ़सल काटने की क्रिया:"फ़सल कटाई के बाद लगातार वर्षा होने के कारण फ़सल खेत में ही सड़ रही है" पर्याय: फ़सल_कटाई, कटाई, लवनि, लुनाई, लवाई, लवन,
वह अन्न जो खेत काटने वालों को मज़दूरी के रूप में दिया जाता है:"किसान मज़दूरों को लवनी दे रहा है" पर्याय: लौनी, लवनि, लवन,