समयुग्मजता में वृद्धि अधिक व्यष्टियों में उत्तरोत्तर गुणों को उत्पन्न करती है।
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समयुग्मजता में वृद्धि अधिक व्यष्टियों में उत्तरोत्तर गुणों को उत्पन्न करती है।
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अंत: प्रजनन का प्रमुख प्रभाव समयुग्मजता (homozygosis, अर्थात् प्रत्येक संतान में एक ही गुण को पहुँचाने की योग्यता) की वृद्धि करना और नस्ल को स्पष्ट और असंबधित परिवारों में विभक्त करना होता है।