| 1. | उत्परिवर्तन की पहचान समयुग्मजी ग जी 523-1> सी जी.
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| 2. | युग्मविकल्पी के लिए समयुग्मजी होते हैं,
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| 3. | अत: नर समयुग्मजी (homozygous) तथा मादा विषमयुग्मजी (Heterozygous) होती है।
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| 4. | यदि यह सिद्धांत ठीक है, तो समयुग्मजी माता पिता के विशेषक (
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| 5. | अत: नर समयुग्मजी (homozygous) तथा मादा विषमयुग्मजी (Heterozygous) होती है।
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| 6. | यदि यह सिद्धांत ठीक है, तो समयुग्मजी माता पिता के विशेषक (traits) उनके विषमयुग्मजी संतानों में चले जाएँगे।
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| 7. | अगर दो सफ़ेद बाघों का संयोग कराया जाता है तो उनके सभी शावक समयुग्मजी और सफ़ेद रंग के होंगे.
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| 8. | सफ़ेद पित्रैक वाला एक समयुग्मजी बाघ कई विभिन्न पित्रैकों की वजह से विषमयुग्मजी या समयुग्मजी भी हो सकता है.
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| 9. | सफ़ेद पित्रैक वाला एक समयुग्मजी बाघ कई विभिन्न पित्रैकों की वजह से विषमयुग्मजी या समयुग्मजी भी हो सकता है.
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| 10. | सफ़ेद पित्रैक वाला एक समयुग्मजी बाघ कई विभिन्न पित्रैकों की वजह से विषमयुग्मजी या समयुग्मजी भी हो सकता है.
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