संज्ञा
| ग्रन्थ, पुस्तक आदि का खंड या विभाग जिसमें किसी विषय या उसके विशेष अंग का विवेचन हो:"आज प्रवचन के दौरान महात्माजी ने गीता के पाँचवे अध्याय की व्याख्या की" पर्याय: अध्याय, पाठ, परिच्छेद, अनुच्छेद, विच्छेद, अवच्छेद, आलोक, आश्वास, उच्छ्वास,
| | मन का वह भाव या अवस्था जो किसी प्रिय या अभीष्ट वस्तु के प्राप्त होने या कोई अच्छा और शुभ कार्य होने पर होता है:"उसका जीवन आनंद में बीत रहा है" पर्याय: खुशी, ख़ुशी, प्रसन्नता, आनंद, आनन्द, मजा, मज़ा, हर्ष, प्रमोद, आमोद, उल्लास, हर्षोल्लास, जश्न, जशन, मोद, मुदिता, आह्लाद, सुरूर, सरूर, अनंद, अनन्द, कौतुक, तोष, अभीमोद, अमोद, अवन, विलास, प्रहर्षण, प्रहर्ष, वासंतिकता, वासन्तिकता,
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