24 वात-कफ ज्वर:-अनन्तमूल, छोटी पीपल, अंगूर, खिरेंटी और शालिपर्णी (सरिवन) को मिलाकर बना काढ़ा गर्म-गर्म पीने से वात का बुखार दूर हो जाता है।
2.
चिरायता, नागरमोथा, नेत्रबाला, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी, गोखरू, गिलोय, सोंठ, सरिवन, पिठवन और पोहकरमूल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पीने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।
3.
चिरायता, गिलोय, कटाई, कटेली, सुगन्धबाला, नागरमोथा, गोखरू, सरिवन, पिठवन और सोंठ को लेकर मोटा-मोटा पीसकर काढ़ा बनाकर रख लें, फिर इस काढ़े को रोगी को पिलाने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।