| 1. | यह स्त्रावी उपकला कोशिकाओं की बनी होती है।
|
| 2. | यह स्त्रावी उपकला कोशिकाओं की बनी होती है।
|
| 3. | अन्त्रः स्त्रावी ग्रंथियों का कार्य उचित प्रकार से करना।
|
| 4. | और बहि: स्त्रावी की सुविधाओं वाले.
|
| 5. | स्त्रावी उत्पादों का आर्थिक मूल्य करोड़ों रुपए का हो जाता है।
|
| 6. | स्त्रावी उत्पादों का आर्थिक मूल्य करोड़ों रुपए का हो जाता है।
|
| 7. | यह उपरत्न अन्त: स्त्रावी ग्रंथियों को सुचारु रुप से संचालित करता है.
|
| 8. | भौतिक रुप में यह उपरत्न आंतरिक अंत: स्त्रावी ग्रंथियों का विकास करता है.
|
| 9. | अन्तः स्त्रावी ग्रन्थियों व प्रजनन तन्त्र को प्रणाम जो शरीर व दुनिया को सन्तुलित रखने में जिनका योगदान है।
|
| 10. | किस अन्त: स्त्रावी ग्रंथि पर किस विचार का प्रभाव पड़ता है वही सही रोग निदान बता सकती है।
|