संज्ञा
| ढीठ होने की अवस्था या भाव:"उसकी ढिठाई दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है" पर्याय: ढिठाई, गुस्ताख़ी, गुस्ताखी, धृष्टता, ढीठपन, ढीठता, ढीठा, अशालीनता,
| | वह मनोभाव जो स्वभावतः अथवा संकोच, दोष आदि के कारण दूसरों के सामने सिर उठाने या बोलने नहीं देता है:"लज्जा के मारे वह कुछ न बोल सकी" पर्याय: लज्जा, लाज, शर्म, शरम, शर्मिंदगी, शरमिंदगी, संकोच, सकुचाहट, झेंप, झेप, हया, लिहाज, लिहाज़, व्रीड़ा, व्रीडा, ग़ैरत, गैरत, व्रीड़, व्रीड़न, मुरव्वत, मुरौवत, हिजाब, कानि, पत, मंदाक्ष, मन्दाक्ष, ह्री, ह्रीका, अवि, नटांतिका, नटान्तिका, आकुंठन, आकुण्ठन, आर,
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