संज्ञा
| वायु में जल के अत्यंत सूक्ष्म कणों के समूह जो ठंडक पाकर जम जाते हैं और धीरे-धीरे भूमि पर उतरते हैं:"जाड़े के दिनों में चारों ओर कोहरा छाया रहता है जिससे यातायात में परेशानी होती है" पर्याय: कोहरा, कुहरा, कुहासा, कूहा, निहार, नभोरेणु, नीहार,
| | सफेद रंग का एक सुगन्धित पदार्थ जो दारचीनी की जाति के पेड़ों से निकलता है:"उसने आरती करने के लिए कपूर जलाया" पर्याय: कपूर, कर्पूर, रेणुसार, इंदु, इन्दु, हिमांशु, अब्ज, शशांक, निशारत्न, काफूर, क़ाफूर, शीतकर, सुधांशु, अमल, अमलदीप्ति, निशाधीश, निशानाथ, निशिनाथ, श्वेतधामा, निशामणि, तुहिनाश्रु, सोमसंज्ञ, वेरक, पीयूषमहस, पीयूषरुचि, पीयूषवर्ष, चंद्रप्रभा, चन्द्रप्रभा, शीतांशु, शीतरश्मि, शीतप्रभ, द्विजपति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, चंद्रभस्म, चन्द्रभस्म, जैवातृक, नक्षत्रेश, शशाङ्क, जलमसि, शशधर, घनरस, घनसार, शशभृत, तुषारगौर, शीताभ, शीतमयूख, शीतमरीचि, प्रालेयांशु, निशापति, विधु, ताराभ्र,
| | हवा में मिले हुए भाप के अत्यंत सूक्ष्म अणु जो ठंडक के कारण पृथ्वी पर सफ़ेद तह के रूप में जम जाते हैं:"अत्यधिक पाला पड़ने के कारण आलू की फसल चौपट हो गयी" पर्याय: पाला, तुषार, हिम, हेम, तुहिन, अवश्याय, प्रालेय, नीहार, आकाशजल, आकाश-जल, हेवाँय, हैम,
| | हवा में मिली हुई भाप जो रात की सर्दी से जमकर कणों के रूप में गिरती है:"पिछली रात से अत्यधिक ओस गिर रही है" पर्याय: ओस, शबनम, शीत, शीकर, सीकर, निशाजल, निहार, अवश्याय, आवस, हैम,
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