संज्ञा
| / किस बात की अकड़ है तुमको!" पर्याय: अहंकार, अहङ्कार, घमंड, घमण्ड, अकड़, अहंकृति, अहङ्कृति, दर्प, अभिमान, अहंता, ग़रूर, ग़ुरूर, गुरूर, गरूर, गुमान, गर्व, मान, दंभ, दम्भ, मद, मगरूरी, ऐंठ, ऐंठन, शेखी, शेख़ी, शान, ठसक, अहं, अहम्मति, अहमिति, अहमेव, खुदी, ख़ुदी, अभिमति, अनति, दाप, आन, अवलेपन, अवलेप, गडंग, अवष्टंभ, अवष्टम्भ, प्रागल्भ्य, कल्क, आटोप, पर्वरीण, गारो,
| | ऊपर से गिरनेवाले जल के बहुत छोटे छींटे:"फुहार पड़ रही है" पर्याय: फुहार, झींसी, झीसी, शीकर, सीकर, धूलिका,
| | हवा में मिले हुए भाप के अत्यंत सूक्ष्म अणु जो ठंडक के कारण पृथ्वी पर सफ़ेद तह के रूप में जम जाते हैं:"अत्यधिक पाला पड़ने के कारण आलू की फसल चौपट हो गयी" पर्याय: पाला, तुषार, हिम, हेम, मिहिका, तुहिन, प्रालेय, नीहार, आकाशजल, आकाश-जल, हेवाँय, हैम,
| | हवा में मिली हुई भाप जो रात की सर्दी से जमकर कणों के रूप में गिरती है:"पिछली रात से अत्यधिक ओस गिर रही है" पर्याय: ओस, शबनम, शीत, मिहिका, शीकर, सीकर, निशाजल, निहार, आवस, हैम,
| | तुषार या पाले के बहुत छोटे-छोटे कण:"सुबह-सुबह पत्तियाँ हिमकणों से आच्छादित हो जाती है" पर्याय: हिमकण, तुषारकण, हेमकण, हिम-कण, तुषार-कण, हेम-कण,
|
|