संज्ञा
| पानी की बूँद:"पद्म-पत्र पर छिटके जलकण सूर्य-प्रकाश में मोती से चमक रहे हैं" पर्याय: जलकण, सीकर, अपसार, अफ़शान, अफ़शाँ, अफशान, अफशाँ,
| | ऊपर से गिरनेवाले जल के बहुत छोटे छींटे:"फुहार पड़ रही है" पर्याय: फुहार, झींसी, झीसी, सीकर, धूलिका, अवश्याय,
| | हवा में मिली हुई भाप जो रात की सर्दी से जमकर कणों के रूप में गिरती है:"पिछली रात से अत्यधिक ओस गिर रही है" पर्याय: ओस, शबनम, शीत, मिहिका, सीकर, निशाजल, निहार, अवश्याय, आवस, हैम,
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